लखनऊ: उत्तर प्रदेश के एक और मदरसे से जुर्म का कारोबार पकड़ाया है। रिपोर्ट के अनुसार, श्रावस्ती जिले के मल्हीपुर इलाके में स्थित एक मदरसे में नकली नोट छापे जा रहे थे। पुलिस ने जब यहां रेड मारी, तो यहाँ नकली नोट छापने का सामान और अवैध हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। जिसके बाद मदरसा संचालक मुबारक अली उर्फ नूरी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है, जो इस आपराधिक गिरोह का सरगना है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुबारक अली ने यूट्यूब से नकली नोट छापना सीखा था। फिर उसने अपने मदरसे को इस गैरकानूनी काम के लिए इस्तेमाल किया, जहाँ बच्चों को इस्लाम की तालीम दी जा रही थी। छापेमारी के दौरान पुलिस में यहाँ से काफी सामान बरामद किया है, जिसमे प्रिंटर, लैपटॉप, स्याही, 34,500 रुपए के नकली नोट और कुछ असली नोट भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस ये देखकर चौंक गई कि, मदरसे के अंदर बड़ी संख्या में अवैध हथियार भी रखे गए थे, जो दंगा या हिंसा करने के लिए रखे गए प्रतीत होते हैं।
पुलिस ने बताया कि, इस गिरोह में कुल पांच लोग शामिल थे, जिनमें से तीन को अन्य जगहों से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी बहराइच जिले के निवासी हैं, जबकि दो श्रावस्ती के हैं। पुलिस को शक है कि यह धंधा बहुत सालों से चल रहा था और नकली नोटों को स्थानीय बाजार में खपाया जा रहा था। मदरसे के प्रबंधक मुबारक अली की पांच बीवियां हैं, जिनमें से एक मदरसे में बच्चों को इस्लाम की तालीम देती थी। माना जा रहा है कि, इस पत्नी को भी मुबारक के काले धंधे की खबर थी। हालाँकि, अन्य पत्नियों के बारे में पुलिस को अभी अधिक जानकारी नहीं मिली है।
पुलिस ने बताया है कि, यह गिरोह नकली नोटों के साथ-साथ लोगों को डराने-धमकाने के लिए तमंचों का भी इस्तेमाल करता था। पुलिस इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए छानबीन कर रही है। माना जा रहा है कि यह मामला नकली नोटों के बड़े नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। फ़िलहाल, पुलिस गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ कर इस रैकेट का भंडाफोड़ करने में लगी हुई है।