नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ट्विटर एवं फेसबुक समेत विभिन्न इंटरनेट मीडिया से ऐसी पोस्ट हटाने के लिए निर्देश जारी कर दिया है, जिन पोस्ट में महामारी को लेकर भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। वहीँ दूसरी तरफ ट्विटर का कहना है कि उसने भारत सरकार के अनुरोध पर कदम उठाया है। अब उन अकाउंट होल्डर्स को सूचित किया जा चुका है, जिन पर इस कदम से प्रभाव पड़ेगा। वैसे ट्विटर ने प्रभावित अकाउंट की विस्तृत जानकारी नहीं दी है। वहीँ अगर उससे जुड़े सूत्रों को माने तो इन पोस्ट में भ्रामक जानकारियां दी गई थीं और इस तरह से तैयार किया गया था कि लोगों में घबराहट बढ़े।
हाल ही में एक ट्विटर प्रवक्ता ने कहा कि, ''जब एक उचित कानूनी आग्रह मिलता है तो हमारी टीम संबंधित पोस्ट की ट्विटर नियमोंऔर स्थानीय कानूनों, दोनों के हिसाब से समीक्षा करती है। यदि कंटेंट से ट्विटर के नियमों का उल्लंघन होता है तो उसे हटा दिया जाता है। लेकिन यदि कंटेंट खास न्यायाधिकार के हिसाब से गैरकानूनी होता है, लेकिन ट्विटर के नियमों के खिलाफ नहीं होता तो हम उस कंटेंट को केवल भारत में दिखाई देने से रोक देते हैं।'' अब खबर यह भी है कि भारत सरकार के आग्रह पर ट्विटर ने 50 से ज्यादा पोस्ट हटाई हैं। इन सभी पोस्ट में एक संसद सदस्य, विधायक और फिल्म निर्माताओं के ट्वीट भी शामिल हैं।
वहीँ दूसरी तरफ ट्विटर का कहना है कि उसने इस कार्रवाई से पहले सभी खाताधारकों को जानकारी दी थी ताकि उन्हें यह कदम भारत सरकार के कानूनी आग्रह पर उठाए जाने की जानकारी रहे। इन सभी के बीच बीते शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ''देश में कोरोना वैक्सीन की कमी है और केंद्र सरकार को जनसंपर्क और गैरजरूरी परियोजनाओं में समय बिताने के बदले इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।''
जी दरअसल राहुल ने एक ट्वीट किया जिसमे उन्होंने कहा कि देश में अब तक 1.4 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो चुका है। देश को वैक्सीन की जरूरत है। वहीँ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने यह भी कहा कि, ''सरकार को वैक्सीन, आक्सीजन की आपूर्ति और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए। आने वाले दिनों में संकट और गहराएगा। देश को इससे निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।''
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