नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर जारी घमासान के बीच केंद्र सरकार के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि जिनका जन्म भारत में 1 जुलाई 1987 से पूर्व हुआ है, वे कानून का मुताबिक भारत के वास्तविक नागरिक है. उन्हें इस क़ानून से डरने की आवश्यकता नहीं है.
नागरिकता अधिनियम में 2004 में किये गए बदलावों के मुताबिक, असम को छोड़कर बाकी प्रदेश के उन नागरिकों को भी भारतीय नागरिक माना जाएगा, जिनके माता या पिता भारतीय है और अवैध प्रवासी नहीं है. कानून को लेकर देश भर में हो रही हिंसा को देखते हुए सरकार की ओर से यह सफाई दी गई है. अधिकारी ने बताया है कि 1 जुलाई 1987 से पूर्व भारत में जन्में लोग या उनके माता-पिता उस साल से पूर्व देश में जन्में हो, उन्हें कानून के मुताबिक, भारतीय नागरिक माना जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि असम के मामले में कट ऑफ़ सीमा 1971 है. उन्होंने कहा है कि हम लोगों से आग्रह करते है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम की तुलना एनआरसी से नहीं की जाए, क्योकि असम के लिए कूट ऑफ़ सीमा अलग है. नागरिकता कानून में 2004 के मुताबिक, जिनका जन्म भारत में 26 जनवरी 1950 या उसके बाद किन्तु 1978 को या उसके बाद लेकिन 3 दिसंबर 2004 से पहले हुआ हो वास्तविक नागरिक है.
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