उत्तर प्रदेश में सरकारी बंगले खाली करने को लेकर बवाल जारी है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर मायावती अपना बंगला बचाने में लगी है. सीएम योगी से मुलाकात के दौरान सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में बसपा मुखिया मायावती जिस बंगले (13-ए) में रह रही हैं वह कांशीराम विश्राम स्थल के रूप में बना है. इसको लेकर बसपा शासन में कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया था. वहां पर मायावती एक छोटे स्थान में रह रही थी. उनके यह स्थान खाली कर देने के बाद भी कांशीराम विश्राम स्थल बना रहेगा. लखनऊ में शुक्रवार को बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और नेता विधानमंडल लालजी वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की.
इस दौरान सतीश चंद्र मिश्र ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें बंगले के आदेश से संबंधित कागजात सौंपे हैं. उन्होंने कहा कि हमने सही तथ्यों से सीएम को अवगत कराया है और सीएम को आदेशों की कॉपी दे दी है. सतीश चंद्र मिश्र ने बताया कि 2011 में कहा गया था कि यह बंगला यादगार स्थल के रूप में होगा. यदि किसी भी परिस्थिति में बंगले को खाली कराया जाता है तो वह बंगला कांशीराम विश्राम स्थल के रूप में ही रहेगा. उन्होंने कहा कि बंगले के एक छोटे हिस्से में मायावती रह रही है. उन्होंने कहा कि बतौर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नाम 6 माल एवेन्यू बंगला आवंटित किया गया था. शासन से उसे खाली करने का नोटिस जारी नहीं हुआ है. बसपा सुप्रीमो को बंगला खाली करने का नोटिस त्रुटिपूर्ण है. अत: इस बारे में आदेश दुरस्त होने तक पूर्व सीएम मायावती को बंगले में रहने दिया जाये.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपना बंगला खाली करने के लिए और समय की मांग की है. अखिलेश के निजी सचिव ने राज्य संपत्ति अधिकारी को एक पत्र दिया है जिसमें उनके चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगला खाली करने के लिए दो साल के समय की मांग की गई है. पत्र में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है और वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है तथा उनके पास रहने के लिये अभी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, इसलिए उन्हें बंगला खाली करने के लिए दो साल का समय दिया जाए.
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