नई दिल्ली: 5 नवंबर (रविवार) को, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए, जिनमें महादेव बुक भी शामिल है, जिसका कथित तौर पर डी-कंपनी के साथ संबंध है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सिफारिश के बाद, केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत यह अवरुद्ध आदेश जारी किया।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, महादेव बुक, रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो और इसी तरह के 20 अन्य ऐप्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है। यह कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुई, जिसमें ऐप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ। IT राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने एक बयान में कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला, जिसमें जांच के दौरान छत्तीसगढ़ के सीएम का नाम सामने आया था।
निष्क्रियता के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए मंत्री ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ सरकार के पास धारा 69ए IT अधिनियम के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हालाँकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया और राज्य सरकार द्वारा ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया गया, जबकि वे पिछले 1.5 वर्षों से इसकी जाँच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, 'वास्तव में, ED से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है और उस पर कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह का अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका।'
यह घटनाक्रम अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ ED की जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुआ है, जिसमें ऐप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ था। इससे पहले 3 नवंबर को ईडी ने खुलासा किया था कि महादेव बुक ऐप प्रमोटर्स द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नियमित भुगतान किया गया है और अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। ये खुलासे ईडी द्वारा 2 नवंबर को एक तलाशी अभियान के बाद जुटाए गए ताजा सबूतों पर आधारित थे।
अब तक, आरोपी भीम सिंह यादव जो छत्तीसगढ़ पुलिस बल में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत थे, और असीम दास नामक एक अन्य आरोपी फिलहाल हिरासत में हैं। उन्हें पीएमएलए, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था। ED फिलहाल इन आरोपों की जांच कर रही है कि महादेव बुक ऑनलाइन बेटिंग ऐप सिंडिकेट के प्रमोटर विदेश में स्थित हैं। लेकिन वे अपने दोस्तों और सहयोगियों की मदद से भारत भर में हजारों पैनल चला रहे हैं, जो मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ से हैं और उन्होंने अपराध से हजारों करोड़ रुपये कमाए हैं।
ED ने पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, 450 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय जब्त कर ली है और 14 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है। ED के निष्कर्षों से यह भी पता चला कि महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों का दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के साथ संबंध था।
हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 10 महीने में लिया 11000 करोड़ का कर्ज, RTI में सामने आई जानकारी