कोलकाता: बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले एक बार फिर फर्जी ख़बरें फैलाते हुए बेनकाब हुए हैं। दरअसल, TMC के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने ट्विटर पर DNA की एक रिपोर्ट शेयर की थी, जिसका शीर्षक था, "भारत सरकार G20 शिखर सम्मेलन के लिए 50 बुलेटप्रूफ ऑडी कारें खरीद रही है, जिसकी लागत 400 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।'' TMC साकेत गोखले ने भारत में G20 शिखर सम्मेलन को "2024 के चुनावों के लिए पीएम मोदी के लिए PR कार्यक्रम" कहा। उन्होंने न सिर्फ फर्जी खबरें साझा कीं, बल्कि अपनी विशेषज्ञ राय भी दी कि सरकार इसके बजाय क्या कर सकती थी। रिपोर्ट में उल्लिखित राशि पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए, TMC नेता साकेत गोखले ने कहा कि "यदि मौजूदा या पट्टे पर ली गई कारों को लिया जाता और उनका नवीनीकरण और सुदृढ़ीकरण किया जाता तो यह बहुत सस्ती होती। लेकिन भारतीय करदाता रुपये खर्च करेगा।'
In today’s shocking news:
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) August 25, 2023
For a 2 day PR event for PM Modi in the run up to the 2024 elections, the Modi Govt is spending Rs. 400 crores for buying 50 armored cars.
Get this: Rs. 400 crores for cars to be used for JUST 2 days?
This would’ve been much cheaper if existing or… pic.twitter.com/wfhQUt1W7k
ममता बनर्जी की पार्टी के प्रवक्ता गोखले ने शिकायत करते हुए कहा कि, 'पीएम मोदी की वैनिटी के लिए 400 करोड़ सिर्फ इसलिए, ताकि वह G20 विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात कर सकें और उनके फोटो-ऑप का उपयोग अपने चुनावी जनसंपर्क के लिए कर सकें।' हालाँकि, प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) फैक्ट चेक ने TMC नेता के ट्वीट की पोल खोल दी और उनके दावे को फर्जी करार दे दिया। PIB ने गोखले के सनसनीखेज ट्वीट को साझा करते हुए ट्वीट किया कि, 'दावा: सरकार 50 बख्तरबंद कारें खरीदने के लिए 400 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। यह दावा फर्जी है।' फैक्ट चेक में बताया गया है कि भारत सरकार ने G20 दौरे पर आए नेताओं की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए 18 करोड़ रुपये में 20 ऑडी बुलेट रेसिस्टेंट कारें लीज पर ली हैं। PIB फैक्ट चेक ने कहा कि कोई कार नहीं खरीदी गई है, और बीआर कारों का प्रावधान सभी राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों की यात्राओं के लिए एक मानक प्रोटोकॉल प्रक्रिया है।
Claim: The government is spending ₹400 crores to buy 50 armoured cars.#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 25, 2023
✔️This claim is Fake.
1/2 pic.twitter.com/KvWnrUOj6w
बता दें कि, साकेत गोखले ने DNA की जो रिपोर्ट शेयर की थी, वो रिपोर्ट मूल रूप से हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा की गई एक रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का हवाला दिया गया था। उस रिपोर्टर में, "जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर एक अज्ञात अधिकारी ने कथित तौर पर कहा था कि "विदेश मंत्रालय (एमईए) ने जर्मनी से लगभग 50 एलएचडी बुलेट-प्रूफ ऑडी कारें खरीदी हैं और ये एक या दो सप्ताह में भारत पहुंच जाएंगी।" दिलचस्प बात यह है कि हिंदुस्तान टाइम्स रिपोर्ट में लागत का जिक्र ही नहीं है। हालाँकि, DNA रिपोर्ट में कारों के मॉडल और कीमत के बारे में अटकलें लगाई गईं। इसमें लिखा है कि, 'अगर भारत सरकार जर्मनी से सब्सिडी वाली कीमत पर बुलेटप्रूफ कारें आयात करती है, तब भी इसकी लागत लगभग 400 करोड़ रुपये होगी।'
Claim: The government is spending ₹400 crores to buy 50 armoured cars.#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 25, 2023
✔️This claim is Fake.
1/2 pic.twitter.com/KvWnrUOj6w
हालाँकि, अब DNA ने अपनी रिपोर्ट में संशोधन किया है और एक भूल सुधार पत्र जारी किया है, और शीर्षक को बदलकर "दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन 2023 की तैयारी जोरों पर, विवरण अंदर" कर दिया है। अब इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने आने वाले नेताओं की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए 18 करोड़ रुपये में 20 ऑडी बुलेट रेसिस्टेंट कारें पट्टे पर ली हैं, क्योंकि यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण घटना है।
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