इलाहाबाद। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने की कार्रवाई की थी। मगर इसी के साथ यह बात भी सामने आई थी कि राज्य में बूचड़खानों को दिए जाने वाली लाईसेंस प्रणाली में बदलाव हो सकता है हालांकि यह पुख्तातौर पर तय नहीं था लेकिन इस मामले में कुछ लोगों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अवैध बूचड़खानों पर की गई कार्रवाई को लेकर लगभग 27 याचिकाओं की सुनवाई उच्च न्यायालय ने की थी। जिसमें न्यायालय ने आदेश दिया कि जो लाईसेंस तय अवधि के बाद भी समाप्त हो गए हैं उन्हें रिन्यू किया जाए और नए लाईसेंस जारी करने के लिए भी न्यायालय ने आदेश दिए हैं। न्यायालय ने कहा है कि किसी को भी मीट का सेवन करने से रोका नहीं जा सकता है।
न्यायालय ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। कोर्ट ने कहा कि जिनके लाइसेंस खत्म हो चुके हैं और जो नया लाइसेंस लेना चाहता है वह फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट में आवेदन कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि बूचड़खानों के निर्माण की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय की है।
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