रायपुर: छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी में लोगों के ठगे जाने के पश्चात् विधानसभा में जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022 पारित किया गया है। इस विधेयक के पारित होने के साथ ही छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा एवं सार्वजनिक स्थलों पर जुआ खेलना कानून के दायरे में आ गया है। नए कानून के अनुसार, ऑनलाइन जुआ खेलने एवं इसे आयोजित करने वाले पर 7 वर्ष तक की सजा तथा 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलते पकड़े जाने पर 6 महीने की कैद या 10 हजार रुपये जुर्माना भी लग सकता है। इस प्रकार के जुर्म में पहली बार पकड़े जाने पर 1 से 3 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है। छत्तीसगढ़ में निरंतर ऑनलाइन गेमिंग को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर था, चाहे वह महादेव ऐप का मामला हो या अन्य ऑनलाइन गेम का, सरकार इन मामलों में घिरती जा रही थी जिसके पश्चात् कांग्रेस सरकार ने इसके विरुद्ध कानून बनाने का निर्णय लिया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर पूरे राज्य में सैकड़ों केस दर्ज किए थे तथा हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था, मगर गेमिंग एक्ट नहीं होने की वजह से सभी अपराधी या तो थाने से या फिर कोर्ट से छूट जाते थे। हालांकि अब इस कानून के आने के पश्चात् गेम खेलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दे कि विपक्ष निरंतर सरकार पर आरोप लगा रहा था कि महादेव ऐप के माध्यम से कई सफेदपोश नेताओं और अफसरों के पैसों को विदेश भेजा जा रहा है। यह मामला सदन में भी उठा तथा इसको लेकर जमकर राजनीति भी हुई। राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे ने इस पूरे मुद्दे को लोकसभा में भी उठाया था। बताया जा रहा था कि महादेव ऐप सरकार से जुड़े कुछ नुमाइंदों द्वारा संचालित किया जा रहा है तथा इस ऐप के जरिए से करोड़ों अरबों का लेन देन किया गया है। इस मामले में पूर्व परिवहन मंत्री राजेश मूडत ने रायपुर ईडी कार्यालय में ज्ञापन सौंपा एवं आरोप लगाया कि महादेव ऐप में करोड़ों अरबों रुपये का लेनदेन हुआ है। इस ऐप के जरिए विदेश पैसे शिफ्ट किए गए हैं। विपक्ष ने ED से मांग की है इस पूरे मामले में तहकीकात की जाए।
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