जापान ने शुक्रवार को एलान किया है कि वह बीजिंग में खेले जाने वाले शीतकालीन ओलंपिक में सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेंगे। लेकिन 3 ओलंपिक अधिकारी हिस्सा लेने वाले है। जापान ने यह फैसला ऐसे समय लिया है जब अमेरिका ने चीन के मानवाधिकार शर्तों का विरोध करने की वजह से शीतकालीन खेलों का राजनायिक बहिष्कार किया जाने लगा। इतना ही नहीं अमेरिका भी इन खेलों में अपना आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजने वाला है।
मुख्य कैबिनेट सचिव ने दी जानकारी: जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजु मात्सुनो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच बोला है कि बीजिंग में खेले जाने वाले शीतकालीन ओलंपिक के लिए गवर्नमेंट प्रतिनिधिमंडल भेजने की हमारी कोई योजना नहीं है। उन्होंने आगे बोला है, टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष सेइको हाशिमोतो, जापानी ओलंपिक समिति के अध्यक्ष यासुहिरो यामाशिता और जापान पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष काजुयुकी मोरी भाग लेंगे। ख़बरों की माने तो तीन अधिकारी JOC और IPC का प्रतिनिधित्व करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक और पैरालंपिक समितियों के निमंत्रण पर हिस्सा लेने वाले है।
इस वजह से पीछे हटा जापान: बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के लिए एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजने का जापान का फैसला संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा समेत कुछ अन्य लोकतांत्रिक देशों के एक कदम का अनुसरण किया करते है। इन देशों ने चीन के मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला भी दिया जाता है। इसके उपरांत जापान ने भी अपना प्रतिनिधिमंडल भेजने से मना कर दिया है।
कई बिंदुओं को ध्यान में रखकर लिया फैसला: मुख्य कैबिनेट सचिव के अनुसार, जापान का कहना है कि चीन के लिए स्वतंत्रता के सार्वभौमिक मूल्यों, बुनियादी मानवाधिकारों के सम्मान और कानून के शासन को गारंटी देना महत्त्व देना है, जो इंटरनेशनल समुदाय में सार्वभौमिक मूल्य हैं। उन्होंने कहा जापान ने सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया है।
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