बेंगलुरु: कर्नाटक में कोरोना संक्रमण के कार्य के दबाव के वजह से हाल ही में एक डॉक्टर के कथित तौर से खुदकुशी करने के खिलाफ में चौबीस अगस्त से अपनी प्रस्तावित हड़ताल डाक्टरों ने सीएम बी एस येदियुरप्पा के आश्वासन के बाद वापस ले ली है . सीएम ने उनकी मांगों पर विचार करने का विश्वास दिलाया है. हाल ही में प्रदेश में एक चिकित्सक ने कथित रूप पर कोरोना ड्यूटी के वक्त कार्य के ज्यादा दबाव के वजह से खुदकुशी कर ली थी, जिसके विरुद्ध में गवर्नमेंट डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की बात बोल दी थी. चिकित्सा शिक्षा मिनिस्टर के सुधाकर ने ट्वीट कर कहा, '' कोरोना स्थिति के दौरान डॉक्टरों ने जिस प्रकार की दिकक्तों का सामना किया, प्रदेश उससे अवगत था.
सीएम ने चिकित्सक की दिक्कतों के समाधान का आश्वासन दिया है, जिसके बाद प्रदेश सरकार के चिकित्सा अफसरों के संगठन ने हड़ताल को वापस लेने का निर्णय ले लिया है. मैं उनका धन्यवाद करता हूं. '' चिकित्सा अफसरों के हड़ताल वापसी के फैसला की घोषणा करते हुए स्वास्थ्य मिनिस्टर बी श्रीरामुलु ने एक ट्वीट में बोला कि उन्होंने नंजनगुड केस की निष्पक्ष जांच कराने और सीएम से बात करने के बाद उनकी मांगों पर विचार करने का विश्वास दिलाया है.
बता दें कि नंजागुड तहसील के स्वास्थ्य अफसर एसआर नागेंद्र ने बीते हफ्ते कथित रूप पर कोरोना संबंधी कार्यों के अत्याधिक दबाव के वजह से खुदकुशी कर ली थी. नागेंद्र की फैमिली और कुछ चिकित्सक ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अफसर प्रशांत कुमार मिश्रा पर कोरोना परीक्षण का लक्ष्य पूरा नहीं होने के वजह से उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनके निलंबन की मांग की थी.
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