हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज कपूर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। 81 वर्षीय आशा पारेख ने अपने करियर में 'कटी पतंग', 'तीसरी मंजिल' और 'उपकार' जैसी कई प्रमुख फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। उन्हें 2020 में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड और 1992 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
आशा पारेख ने 1952 में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म उद्योग में कदम रखा था और 16 साल की उम्र में फिल्म 'गूंज उठी शहनाई' (1959) से लीडिंग हीरोइन के रूप में अपना करियर शुरू किया। उनके फिल्मी करियर की ऊंचाइयों में उन्होंने गुजराती, कन्नड़ और पंजाबी फिल्मों में भी काम किया। उनकी पंजाबी फिल्म 'कंकन दे ओहले' (1971), जिसमें उन्होंने धर्मेंद्र के साथ अभिनय किया, बहुत ही लोकप्रिय हुई थी। संगीत की दुनिया में प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर और भजन गायिका अनुराधा पौडवाल को भी इस सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। उन्हें गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार से नवाजा गया। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अनुराधा पौडवाल ने कहा कि लता मंगेशकर जी, जिन्हें वह अपना गुरु मानती हैं, के नाम पर पुरस्कार प्राप्त करना उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
टीवी शो 'CID' में एसीपी प्रद्युमन के किरदार के लिए मशहूर अभिनेता शिवाजी साटम को भी चित्रपति वी. शांताराम लाइफटाइम अवॉर्ड मिला। इसके अतिरिक्त, डायरेक्टर एन. चंद्रा को 'तेजाब' और 'अंकुश' जैसी फिल्मों के लिए राज कपूर स्पेशल कंट्रीब्यूशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। डायरेक्टर दिगपाल लंजेकर को चित्रपति वी. शांताराम स्पेशल कंट्रीब्यूशन अवॉर्ड मिला। महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुंगंतीवार ने इन सभी कलाकारों को उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किए।
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