नई दिल्ली: सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और रिलायंस एवं बीपी के संयुक्त उद्यम समेत 7 नई कंपनियों को ऑटो फ्यूल रिटेलिंग लाइसेंस प्रदान किए हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने सोमवार को संसद में इस संबंध में जानकारी दी है। ये लाइसेंस नए उदार नियमों के तहत प्रदान किए गए हैं। इनके तहत न्यूनतम 250 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति वाली कोई भी कंपनी पेट्रोल-डीजल की खुदरा बिक्री के लिए लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकती है।
नवंबर 2019 में जारी की गई नई पॉलिसी के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज लि., IMC लि., ऑनसाइज एनर्जी प्रा. लि., असम गैस कंपनी, MK एग्रोटेक, RBML सॉल्युशंस इंडिया लि. और मानस एग्रो इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को पेट्रोल-डीजल की खुदरा बिक्री के लिए नए पेट्रोल पंप शुरू करने हेतु मार्केटिंग ऑथोराइजेशन प्रदान किया गया है। बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के पास पहले से ही फ्यूल रिटेलिंग लाइसेंस है, जिसके तहत उसने देश में 1400 पेट्रोल पंप खोल रखे हैं। किन्तु यह लाइसेंस इसकी सब्सिडियरी रिलायंस बीपी मोबिलिटी को ट्रांसफर कर दिया गया। इसलिए अरबपति मुकेश अंबानी की कंपनी ने दोबारा अप्लाई किया और अन्य दूसरा लाइसेंस हासिल किया।
बीपी के साथ रिलायंस के एक अन्य संयुक्त उद्यम RBML सॉल्यूशंस इंडिया लि. को भी एक लाइसेंस मिला है। तेली ने बताया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 8 नवंबर, 2018 को जारी नोटिफिकेशन के तहत वाहन ईंधन की बिक्री के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के दिशा-निर्देशों में बदलाव किया गया है। संशोधित गाइडलाइन्स कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देते हैं और रिटेल सेक्टर में निवेश के लिए निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करते हैं।
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