नई दिल्ली : चुनावी मतगणना में प्रत्येक बूथ के परिणामों को अलग अलग बताने के खिलाफ एक याचिका सर्वोच्च न्यायालय में योगेश गुप्ता द्वारा दायर की गई। इस याचिका में कहा गया कि यदि अलग अलग बूथ के नतीजे सामने आते हैं तो फिर इससे गुप्त मतदान के सिद्धांतों का पालन नहीं हो पाता है। ऐसे में चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
हालांकि सरकार ने इस बात का विरोध किया है मगर चुनाव आयोग ने याचिका को लेकर अपना जवाब दायर किया और कहा कि प्रत्येक बूथ के अलग अलग परिणाम बताने की व्यवस्था समाप्त की जा सकती है। याचिकाकर्ता योगेश गुप्ता द्वारा कहा गया कि परिणाम की घोषणा होने की वर्तमान व्यवस्था से जानकारी मिलती है कि आखिर किस क्षेत्र से किस प्रत्याशी को कितने वोट प्राप्त हुए हैं।
बहुत बार ऐसा होता है कि जो प्रत्याशी विजयी होता है वह उस क्षेत्र की उपेक्षा करता है, जहां पर उसे कम मत प्राप्त होते हैं। ऐसे में कार्य प्रभावित होते हैं। इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा एफिडेविट दायर किया गया था। सरकार ने विभिन्न बूथों के अलग अलग परिणाम दर्शाने की बात कही थी और कहा था कि इस व्यवस्था की समाप्ति का वह विरोध नहीं करती है बल्कि समर्थन करती है इसके उलट उसने याचिकाकर्ता की मांग का विरोध किया।
इस हलफनामे में केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई बैठक में मतगणना की वर्तमान स्थिति को सही बताया गया यह दर्शाया गया कि आखिर जीतने वाले प्रत्याशी को पता चलता है कि उसे कहां कम मत मिले हैं तो वह वहां पर खुद को प्रतिष्ठापित करने के लिए अच्छा कार्य करता है। न्यायालय द्वारा इस मामले में सितंबर माह में अंतिम सुनवाई किए जाने की बात कही है।
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