बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के चिकित्सालय से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां मेडिकल स्टाफ ने एक महिला को बिना BHT (बेड हेड टिकट) के भर्ती कर लिया। तत्पश्चात, उपचार के चलते महिला की मौत हो गई। फिर कुछ दिन पश्चात् कागजों की हेराफेरी कर दी गई तथा महिला को कागजों पर जिंदा कर दिया। जब यह मामला बढ़ा तो CMS ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि तहकीकात के पश्चात् दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, जरैली कोठी की रहने वाली महिला की तबियत बिगड़ने पर घरवाले उसे जिला चिकित्सालय ले गए। वहां चिकित्सकों ने हालात गंभीर होने के चलते उन्हें हॉस्पिटल में बिना बेड हेड टिकट बनाए भर्ती कर लिया। महिला की उपचार के चलते मौत हो गई। फिर परिजन डेड बॉडी लेकर चले गए। मगर जब मृत्यु प्रमाण पत्र लेने पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि इनकी मरीज यहां रिकार्ड में दर्ज नहीं है। घरवालों के हंगामे के बाद चिकित्सालय प्रशासन ने रिकार्ड चेक किया, तो महिला की बेड हेड टिकट नहीं मिला। परिजनों ने ड्यूटी में तैनात डॉक्टर से शिकायत की। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। आरोप है कि इसके बाद चिकित्सालय प्रशासन ने दस्तावेजों में हेराफेरी आरम्भ कर दी।
आरोप है कि महिला के मौत के पश्चात् जो मरीज भर्ती हुआ था, उसी के नाम से BHT जारी कर दी गई और समय में परिवर्तन कर मृतक महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। बता दें कि जिला चिकित्सालय का नियम है कि जब किसी मरीज को भर्ती किया जाता है, तो तत्काल BHT यानी बेड हेड टिकट जारी किया जाता है। जिला चिकित्सालय के CMS डॉक्टर एसएन मिश्र ने बताया कि एक महिला को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, जिसकी डेथ हो गई थी। मरीज अधिक होने की वजह से डॉक्टर BHT नहीं जारी कर पाए थे। बाद में जारी कर दिया गया है। संख्या एक रहेगी मगर A और B के रूप में रहेंगे। इस मामले में जांच कराई जा रही है। दोषी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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