नई दिल्ली : जीएसटी राजस्व प्राप्ति नवंबर माह में सबसे कम रहने के बीच सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बाजार से दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से 50 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जुटाने का निर्णय लिया है. इसका राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.2 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य पर असर पड़ेगा.
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इससे बजट 2017-18 में रखे गए निवल कर्ज के लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं होगा. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों के जरिये 50 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने का फैसला किया है. इससे टी- बिल्स के जरिये जुटाई जाने वाली राशि मार्च, 2018 तक घटकर 25,006 करोड़ रुपये रह जायेगी. इसका मौजूदा संग्रह 86,203 करोड़ रुपये है. स्मरण रहे कि टी-बिल्स एक साल से कम समय की प्रतिभूतियां होती हैं. वहीं दिनांकित प्रतिभूतियां पांच साल से अधिक समय में परिपक्व होती हैं.
उल्लेखनीय है कि बजट 2017-18 में सकल और शुद्ध बाजार कर्ज क्रमश: 5.80 लाख करोड़ रुपये और 4.23 लाख करोड़ रुपये रखा गया था. इसमें से 3.48 लाख करोड़ रुपये शुद्ध रूप से दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों से और 2,002 करोड़ रुपये टी-बिल्स से जुटाए जा रहे हैं.
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