नई दिल्ली: मंगलवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपने एक बयान में कहा, कि सरकार कारोबार और औद्योगिक डेवेलप के लिए उपलब्ध पूरे लैंड बैंक की मैपिंग कर रही है. इसके साथ-साथ वास्तविक सिंगल विंडो क्लियरेंस मैकेनिज्म तैयार कर रही है. गोयल ने आगे कहा, कि सरकार एलईडी टेलीविजन, सीसीटीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स के विनिर्माण को बढ़ावा देने के उपायों पर कार्य कर रही है. सरकार भारत में सेमीकंडक्टर एफएबी साजिश को लेकर बहुत अधिक उत्सुक है.
वही इन सबके अलावा आईटी सेवाओं के निर्यात से जुड़े आंकड़े को कैप्चर करने के लिए उनका मंत्रालय एक फ्रेमवर्क बनाने पर विचार कर रहा है. ततपश्चात गोयल ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर निर्यात से जुड़े कारोबार के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, ''हम डीपीआईआईटी में वास्तविक सिंगल विंडो से जुड़ा फ्रेमवर्क बनाने की और कार्य कर रहे हैं....हम कारोबार और औद्योगिक विकास के लिए मौजूद पूरे लैंड बैंक की मैपिंग की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं.''
आगे बताते हुए उन्होंने कहा, कि यदि कोई इलेक्टॉनिक्स कारोबार किसी राज्य में पूरा इकोसिस्टम डेवेलप करना चाहता है तो राज्यों से किफायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने एवं जल की आपूर्ति के बारे में बात की जा सकती है. वही मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) के तहत निर्यात पर प्रोत्साहन की अपील को लेकर गोयल ने कहा, कि मंत्रालय रेमिशन ऑफ ड्यूटीज ऑर टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट (RoDTEP) पर कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा, कि मैं इस बारे में नहीं कह सकता, कि आपकी इंडस्ट्री में RoDTEP के आने के पश्चात् MEIS टिकेगा भी या नहीं या दिसंबर 2020 के बाद जारी रहेगा या नहीं. इसका फैसला कुछ समय पश्चात् ही संभव हो पाएगा.
इजराइल से एंटी टैंक स्पाइक मिसाइल खरीदेगा भारत, चीन बॉर्डर पर होगी तैनाती
भारत के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान करेगा फ्रांस, वेंटीलेटर और किट भी देगा
गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ीं, भाजपा बोली- कैबिनेट विस्तार से पहले बहुमत साबित करो