लखनऊ: कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की नौकरियों में पांच वर्ष के लिए संविदा सिस्टम निर्धारित करने पर योगी सरकार को निशाने पर लिया है। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि संविदा यानी नौकरियों से सम्मान विदा। उन्होंने इसे युवा अनादर कानून करार दिया है। वही उन्होंने प्रश्न उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी इस प्रकार के कानून पर अपने तीखे बयान दिए है।
वही इस सिस्टम को लाने का लक्ष्य क्या है? सरकार युवाओं की चोट पर मरहम न लगाकर दर्द बढ़ाने की रणनीति ला रही है। दरअसल, यूपी सरकार समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा परिवर्तन करने पर सोच रही है। प्रस्तावित इंतजाम में सिलेक्शन के पश्चात् आरंभिक पांच साल तक कर्मियों को संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को प्राप्त होने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी मुनाफा नहीं मिलेगा।
साथ ही पांच साल की जटिल संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच पाएंगे, उन्हें ही मौलिक नियुक्ति प्राप्त हो सकेगी। शासन का कार्मिक डिपार्टमेंट इस प्रस्ताव को मंत्रीमंडल के सामने विचार के लिए लाने की तैयारी कर रहा है। इस प्रस्ताव पर डिपार्टमेंटों से राय मशविरा आरम्भ कर दिया गया है। वही तत्कालीन में गवर्मेंट अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से खाली पदों पर व्यक्तियों के सिलेक्शन के पश्चात् संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के मुताबिक एक या दो साल के प्रोबेशन पर नियुक्ति देती है। इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की प्रकार सैलरी एवं अन्य मुनाफे दिए जाते हैं। इसी के साथ राज्य प्रभारी ने अपनी बात कही है।
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