बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के लिए कश्मीर को पंसदीदा क्षेत्र बनाने को लेकर सरकार ने प्रयास तेज कर दिए है.साथ ही कश्मीर के बंद पड़े सिनेमाघरों को भी जल्द खोले जाने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि इसी साल यह प्रयास रंग लाते दिखेंगे. इसका सबसे अधिक लाभ स्थानीय युवाओं को देने का खाका बन चुका है.
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गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी कुछ समय पहले कश्मीर दौरे पर पहुंचे थे. इस मौके पर उन्होने खास तौर पर ये घोषणा की थी. साथ ही उन्होने बताया था कि कश्मीर को फिल्म उद्योग के जरिये भी रोजगार मुहैया कराया जाएगा. उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान मुंबई का दौरा कर फिल्म निर्माताओं को जम्मू कश्मीर आने का न्योता दे चुके हैं.कौशल विकास एवं उद्यमिता मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने भी जनवरी में कश्मीर दौरे पर स्थानीय युवाओं को फिल्म निर्माण से जुड़ी विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित करने का यकीन दिलाया. उनके आश्वासन के बाद केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े दो वरिष्ठ अधिकारी कश्मीर घाटी का दौरा भी कर चुके हैं. उन्होंने उत्तरी कश्मीर में सेना द्वारा संचालित कौशल विकास केंद्र का भी दौरा किया जहां स्थानीय युवक फिल्म निर्माण से जुड़े काम सीख रहे हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि स्थानीय लोगों में फिल्मों को लेकर क्रेज रहा है. वादी में डेढ़ दर्जन सिनेमाघर थे. आतंकी हिंसा के चलते बॉलीवुड कश्मीर से दूर हो गया, लेकिन स्थानीय लोगों का फिल्मों से मोह बना रहा. स्थानीय फिल्मकारों ने सीमित साधनों से कश्मीर में फिल्में बनाईं. कश्मीर के कई युवा फिल्मों में अपना भाग्य आजमाने मुंबई भी पहुंचे. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के बाद घाटी के माहौल में आए सकारात्मक माहौल के बीच फिर बॉलीवुड और टॉलीवुड ही नहीं पंजाबी फिल्म इंडस्ट्रीज से जुड़े लोग कश्मीर में फिल्म शूटिंग के लिए आगे आने लगे हैं.एक साल के दौरान कश्मीर में तीन फिल्मों की शूटिंग हुई भी.
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