शिमला: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) फर्जी आयुष्मान कार्ड जारी कर सरकार को चूना लगाने वाले अस्पतालों और व्यक्तियों पर छापेमारी कर रहा है। अब तक ED ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक आरएस बाली के परिसरों समेत 19 ठिकानों पर छापेमारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED की छापेमारी बुधवार, 31 जुलाई 2024 को पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ में शुरू हुई। लक्षित अस्पतालों में फोर्टिस अस्पताल, बांकेबिहारी अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल और कई अन्य शामिल हैं।
हिमाचल कांग्रेस के एक प्रमुख नेता आरएस बाली हिमाचल हेल्थकेयर लिमिटेड के मालिक हैं, जो कांगड़ा में फोर्टिस अस्पताल का संचालन करता है। इस अस्पताल पर भी अनियमितताओं का आरोप है। बाली हिमाचल प्रदेश के सीएम और कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रमुख हैं, जो राज्य में एक महत्वपूर्ण पद है। उनके पिता जीएस बाली भी एक प्रमुख कांग्रेसी नेता थे। कांग्रेस नेता डॉ राजेश शर्मा पर भी छापेमारी की गई है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने खुलासा किया कि इन अस्पतालों ने फर्जी आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी मरीजों का इलाज किया और इन मरीजों के लिए लंबे समय तक इलाज और सर्जरी दिखाई।
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 373 मामले उजागर हुए हैं, जिससे सरकार को 40.68 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इस धोखाधड़ी के जवाब में सरकार ने हिमाचल प्रदेश में 8,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड रद्द कर दिए हैं। धोखाधड़ी का कुल आकार लगभग 25 करोड़ रुपये होने का संदेह है। इस धोखाधड़ी में शामिल अस्पतालों को प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से हटा दिया गया था। इस मामले में पहली शिकायत ऊना में दर्ज की गई थी, जिसके बाद ईडी ने जांच अपने हाथ में ले ली थी। आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार हर परिवार को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देती है। इस योजना के तहत इलाज योजना के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में कराया जा सकता है, जिसका भुगतान सरकार करती है। हालांकि, कई जगहों पर फर्जी बिलों से धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।
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