नई दिल्ली: देश में चीनी माल के बॉयकॉट और चीन विरोधी माहौल के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, चीन के सरकारी बैंक, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने भारतीय बैंक ICICI में हिस्सेदारी खरीदी है. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे देशहित के लिए कोई खतरा नहीं है. बता दें कि गत वर्ष मार्च में चीन के केंद्रीय बैंक ने HDFC में अपना निवेश बढ़ाकर 1 फीसदी से अधिक कर दिया था. तब इस पर काफी बवाल भी मचा था.
पीपल्स बैंक ऑफ चाइना म्यूचुअल फंड्स और बीमा कंपनियों समेत उन 357 संस्थागत निवेशकों में शामिल है, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में ICICI बैंक के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) ऑफर में 15,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है. ICICI बैंक ने पूंजी इकठ्ठा करने के लिए संस्थागत निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए प्रयास किया था और पिछले सप्ताह ही उसका टारगेट पूरा हुआ है.
चीन के केंद्रीय बैंक ने ICICI में सिर्फ 15 करोड़ रुपये का निवेश किया है और यह निवेश क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट के माध्यम से किया गया है. बता दें कि ICICI बैंक के अन्य विदेशी निवेशकों में सिंगापुर की सरकार, मॉर्गन इनवेस्टमेंट, सोसाइटे जनराले का नाम शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बैंकिंग भारत में काफी रेगुलेटेड यानी रिजर्व बैंक की कड़ी निगरानी में रहने वाला कारोबार है, इसलिए इससे देशहित को कोई जोखिम नहीं हो सकता.
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