उज्जैन/ब्यूरो। कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन में प्राकृतिक खेती एवं प्रधानमंत्री कृषक सम्मान योजनान्तर्गत वृहद कृषक सम्मेलन का आयोजन सांसद अनिल फिरोजिया की अध्यक्षता में किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन में सांसद फिरोजिया ने कृषकों को संबोधित करते हुये कहा कि भारत सरकार कृषकों की उन्नति के लिये लगातार प्रयास कर रही है, इसी कड़ी में किसानों को प्राकृतिक खेती करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है, इस खेती में निष्चित रूप से किसानों की लागत कम होने के साथ-साथ वातावरण भी दूषित होने से बचता है।
प्राकृतिक खेती से मानव स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है, यह निश्चित रूप से किसानों की आय दुगुनी करने में मिल का पत्थर साबित होगी। कार्यक्रम के प्रारम्भ में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.आर.पी.शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुये प्राकृतिक खेती के विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से बताते हुये बीजामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, घनजीवामृत आदि उत्पादों को बनाने तथा उपयोग करने की विधि के बारे में संपूर्ण जानकारी देते हुये किसानों की शंकाओं का समाधान किया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से प्रधानमंत्री का उद्बोधन सभी कृषकों को वर्चुअल रूप से दिखाया एवं सुनाया गया। कार्यक्रम के अंत में सांसद एवं कृषकों द्वारा प्राकृतिक खेती इकाई तथा समन्वित फसल प्रणाली का अवलोकन किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आर.पी.एस. नायक, उप संचालक कृषि, डॉ.सतीष शर्मा, पशु चिकित्सक, डॉ. डी.के. सूर्यवंशी, गजाला खान,रूचिता कनौजिया, शैलेन्द्र डोडिया, काजल चौधरी, राजेश वर्मा एवं बाबूलाल आदि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन हंसराज जाटव, वैज्ञानिक द्वारा तथा आभार डॉ. मोनी सिंह द्वारा ज्ञापित किया गया।
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