नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बॉयोडीजल के बनाने से संबंधित योजना की शुरूआत कर दी। इस योजना की शुरूआत सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बड़ी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने की है। ये कंपनियां देश के 100 शहरों में उपयोग हो चुके खाना पकाने के तेल से बने बॉयोडीजल को खरीदने के लिए शनिवार को एक कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत पेट्रोलियम अथवा प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की।
इस कार्यक्रम के तहत तीनों तेल विपणन कंपनियां उपयोग हो चुके खाद्य तेल से बॉयोडीजल बनाने के लिए संयंत्रों की स्थापना को निजी इकाइयों से पत्र आमंत्रित करेंगे। शुरुआत में तेल विपणन कंपनियां बायोडीजल को 51 रुपये प्रति लीटर की तय दर से खरीदेंगी। दूसरे साल में उसे बढ़ाकर 52.7 रुपये एवं तीसरे वर्ष में 54.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया जाएगा। मंत्री ने उपयोग हो चुके खाद्य तेल के पुन:इस्तेमाल (आरयूसीओ) का स्टिकर और उपयोग हो चुके खाना पकाने के तेल (यूसीओ) को एकत्र करने को लेकर एक मोबाइल ऐप की भी शुरुआत की।
होटल और रेस्तरां अपने परिसरों में ऐसे स्टिकर लगाएंगे कि वे बॉयोडीजल उत्पादन के लिए यूसीओ की आपूर्ति करते हैं। विश्व जैव ईंधन दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि कुकिंग ऑयल के अलावा अन्य कई प्रारूप में भी बॉयोडीजल उपलब्ध है। हम विश्व जैव ईंधन दिवस को वैकल्पिक ऊर्जा दिवस के रूप में मनाएंगे। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद थे। उन्होंने बॉयोडीजल के उत्पादन को लेकर पेट्रोलियम मंत्रालय के कोशिशों की प्रशंसा की।
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए की इस योजना की शुरूआत
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