नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश की इकॉनमी रफ्तार देने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग धंधे (MSME sector) ठप पड़े हैं. इस कारण बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन तो ठप पड़ा ही है, पिछले एक महीने से लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है. अब केंद्र सरकार इस सेक्टर को फिर से खड़ा करने के लिए बड़े पैमाने पर योजना बना रही है.
इसके तहत सरकार, माइक्रो, स्मॉल और मीडियम कैटेगरी के उद्योगों को सरकार बैंकों के माध्यम से लोन दिलवाएगी. इन उद्योगों को लोन प्राप्त हो सके इसके लिए सरकार बैंकों के पास कर्ज भुगतान की गारंटी देने के लिए तैयार है. सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, MSME सेक्टर का भारत के निर्यात में 48.10 फीसद का योगदान है. इस सेक्टर में 11.10 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है, किन्तु लॉकडाउन के कारण इस सेक्टर की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) से जारी आंकड़ों के अनुसार, 14 करोड़ कामगारों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है. वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में एमएसएमई सेक्टर ही भारत की इकॉनमी को रफ्तार प्रदान कर सकता है. इस सेक्टर में पूंजी की कमी को पूरा करने के लिए सरकार इस श्रेणी में आने वाले उद्योग धंधों को बैंकों से कर्ज देने की योजना पर विचार कर रही है. सरकार एक प्रस्ताव पर काम कर रही है, जिसके तहत वह MSME सेक्टर को दिए जाने वाले 3 लाख करोड़ कर्ज की गारंटी स्वयं देगी.
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