पटना: बिहार सरकार ने बीते 5 वर्षों से बिना आधिकारिक इजाजत के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले 80 चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया है। डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने खबर दी है कि शुक्रवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 80 से ज्यादा चिकित्सकों को उनकी सेवाओं से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया।
तेजस्वी यादव ने कहा, 'स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न संस्थानों में 5 वर्ष से अधिक समय से अनाधिकृत रूप से निरंतर गैरहाजिर रहने वाले 80 से अधिक चिकित्सकों को राज्य मंत्रिमंडल ने बर्खास्त कर दिया है। ऐसे बाकी 100 से अधिक चिकित्सकों के खिलाफ भी हमारी कार्रवाई जारी है। ड्यूटी में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डॉक्टर भगवान की भांति होते हैं तथा ड्यूटी से अनुपस्थित नहीं रहना चाहिए। 5 वर्षों से ज्यादा वक़्त तक यह स्वास्थ्य विभाग बीजेपी के पास था।' जिन चिकित्सकों को सेवा से बर्खास्त किया गया है, वह नवादा, अरवल, जहानाबाद, सहरसा, सुपौल, सीवान, खगड़िया, शेखपुरा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, लखीसराय और मधुबनी के सिविल हॉस्पिटल, रेफरल चिकित्सालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त थे।
वही कुछ दिनों पहले बिहार के बक्सर में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने खूब लाठियां बरसाईं थी। तब बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस घटना के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह टेक्निकल मेटर है। इसे दिखवाते हैं। उन्होंने कहा, 'दिखवाते हैं क्या मामला है। टेक्निकल मेटर है। मेरे संज्ञान में नहीं है मामला। अभी दिखवाते हैं।' इसके अतिरिक्त जातिगत जनगणना पर चर्चा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि यह जातिगत जनगणना नहीं बल्कि जाति आधारित सर्वेक्षण है। यह लोगों की वित्तीय स्थिति के बारे में डेटा देगा। यदि यह गलत है तो हर तरह की गिनती गलत है चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, एससी, एसटी को लेकर हो या जानवरों को लेकर। इसे विधानसभा में बीजेपी समेत सभी दलों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया है।
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