मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जा रहा है की मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में कहा है कि देश भर में सरकारी प्राइमरी स्कूलों और सेकेंडरी स्कूलों में कई लाख पद खाली पड़े हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि प्राइमरी स्कूलों में 18 प्रतिशित और सेकेंडरी स्कूलों में 15 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली हैं. इसे ऐसे भी समझाया जा सकता है कि सरकारी स्कूलों में हर 6 में से 1 पद खाली है. कुल मिलाकर पूरे देश में लगभग 10 लाख अध्यापक कम हैं.
आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि जिन राज्यों में लिट्रेसी रेट कम है, वहां ज्यादातर अध्यापकों के पद रिक्त हैं. जावड़ेकर ने कहा कि सबसे ज्यादा रिक्त पद झारखंड में हैं जहां 70 फीसदी पद रिक्त हैं. वहीं सेकेंडरी स्कूलों में अध्यापकों के पदों में से आधे रिक्त पद उत्तर प्रदेश में हैं. तसीरे नंबर पर बिहार और गुजरात है.
साथ ही यह भी जान लीजिए कि गोवा, ओडिशा और सिक्किम में एक भी एलिमेंटरी टीचिंग पद खाली नहीं है.अकेला सिक्किम ही ऐसा है जहां ना तो एलिमेंटरी और ना ही सेकेंडरी स्कूल में टीचर का कोई पद खाली है.
गौरतलब है कि 2015-16 के एजुकेशन डाटा की मानें तो भारत में 55 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं.