लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा राज्य में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराए जाने का फैसला लिया है. इसको लेकर सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद में मदसरों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया. जिसमें बड़ी तादाद में राज्य के विभिन्न मदरसों ने हिस्सा लिया. इस दौरान सरकार के इस फैसले को लेकर सभी मदरसा संचालकों ने चर्चा की और आगे की रणनीति तैयार की.
इस सम्मेलन के बारे में बताते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मदरसों में कोई भी गलत गतिविधियां नहीं होती, यदि कोई मदरसा मस्जिद सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करके बनाया गया है, तो सरकार ऐसे मदरसों को तोड़ डाले, हमें कोई समस्या नहीं है. हम सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे का विरोध नहीं करते, बल्कि हम खुद सरकार को वो सब जानकारी देंगे जो वो चाहते हैं. मस्जिद रशीदिया में हुए इस सम्मेलन में लगभग 500 मदरसा संचालक और 5 हज़ार से अधिक लोग सम्मेलन में शामिल हुए.
मौलाना मदनी ने आगे कहा कि सरकार को मदरसों, मुस्लिमों और मस्जिदों को निशाना नहीं बनाना चाहिए, बल्कि देशहित में जो भी आवश्यक हो, उन कामों को संवैधानिक तरीके से करना चाहिए. जिस प्रकार सरकार मदरसों को निशाना बना रही है, उससे एक पूरे समुदाय को टारगेट किये जाने का संदेश जा रहा है. जिसका हम विरोध करते है. सम्मेलन में एक 12 सदस्यीय स्टेरिंग कमेटी का भी गठन किये जाने की खबरे हैं, जो सरकार के साथ चर्चा करेगी.
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