देहरादून: सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार को दो महीने के भीतर एक ठोस प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने सरकार से प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर भी ध्यान देने को कहा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
हल्द्वानी अवैध अतिक्रमण मामले में कोर्ट ने सरकार को निर्देश तो दे दिया कि अवैध बसे लोगों का पुनर्वास कराया जाए, सरकार को Waqf बोर्ड की जमीनों पर इनका पुनर्वास करवाना चाहिए।@pushkardhami जी#BanWAQF pic.twitter.com/lANolUVbhX
— चन्द्रशेखर तिवारी ???????? (@Your_XShekharrT) September 12, 2024
उत्तराखंड सरकार ने बताया कि इस मामले में केंद्र सरकार के साथ बैठक की गई और एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 4500 परिवारों की पहचान की गई है, जो इस अतिक्रमण से प्रभावित होंगे। पुनर्वास के लिए 40 हेक्टेयर जमीन भी चिह्नित की गई है और पुनर्वास नीतियों पर विचार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है, ताकि सभी निवासियों को लाभ हो सके और बाढ़ के खतरे से भी निपटा जा सके।
बता दें कि, इससे पहले, रेलवे ने कोर्ट को बताया था कि ट्रैक और स्टेशन विस्तार के लिए तुरंत जमीन की आवश्यकता है, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे, केंद्र और राज्य सरकार को जमीन अधिग्रहण और प्रभावित परिवारों की पहचान करने के निर्देश दिए थे।
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