नई दिल्ली: अमीना शेख नाम की एक भारतीय महिला फिलिस्तीन का वीजा लेने के लिए गुरुवार (26 अक्टूबर) को नई दिल्ली स्थित फिलिस्तीन दूतावास पहुंची। महिला ने कहा कि वह गाजा जाकर अपने समुदाय के लोगों के साथ मिलकर इजराइल के खिलाफ लड़ना चाहती है। अमीना शेख ने कहा कि, 'मैं यहां अधिकारियों से अपॉइंटमेंट लेने के लिए आई हूं और उन्हें बताऊंगी कि मैं फिलिस्तीन जाना चाहती हूं और मुझे फिलिस्तीन के लिए वीजा की जरूरत है। इसलिए, मैं यहां वीजा के लिए आवेदन करने आई हूं। हालाँकि, कुछ मुद्दों के कारण मुझे वीज़ा नहीं मिल रहा है। मैं मीडिया के जरिए सरकार से कहना चाहती हूं कि फिलिस्तीन की सीमाएं भारतीय मुसलमानों के लिए खोल दी जाएं।'
जब उनसे पूछा गया कि वह फिलिस्तीन क्यों जाना चाहती हैं, तो अमीना शेख ने कहा कि, ''मैं क्यों जाना चाहती हूं? क्या आप लोग नहीं देख रहे कि फ़िलिस्तीन में क्या हो रहा है? आप तमाम न्यूज चैनल वाले लोग हैं। क्या आप नहीं देख पा रहे हैं कि वहां किस तरह से बच्चे मारे जा रहे हैं और फ़िलिस्तीन की स्थिति कितनी गंभीर है?' जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें अपनी जान का डर नहीं है, तो उन्होंने कहा कि, ''मैं ऐसे मजहब से आती हूं, जिसमें जीवन और मृत्यु को बिल्कुल भी महत्व नहीं दिया जाता है। जो लोग एक ही बार में और हमेशा के लिए समाप्त हो जाते हैं, उन्हें मृत्यु से डरना चाहिए। हम मौत से नहीं डरते। बिस्तर पर रहते हुए भी व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। लेकिन इतिहास और इस्लाम उन लोगों को याद रखता है जिन्होंने ऐसी लड़ाइयाँ लड़ीं।'
फिलिस्तीन जाने के लिए मुस्लिम महिला वीज़ा लेने पहुंची फिलिस्तीन दूतावास। कहां बॉर्डर खोल दो हम जाना चाहते हैं फिलिस्तीन।
— Asrar Ahmad (@AsrarShaikhS) October 26, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर दी बड़ी अपील।@TV14Bharat1 #GazaWar #Palestine #iarael #Gaza_under_attack #muslimwomen #aminashaikh pic.twitter.com/NHXeB8yWAM
गाजा के लिए अपनी तैयारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए अमीना शेख ने कहा कि, 'मैं यहां पूरी तैयारी के साथ आई हूं। मैं अपने पासपोर्ट समेत सभी दस्तावेज़ साथ लाइ हूँ। मैं प्रधान मंत्री से भारत के लोगों के लिए दोनों देशों की सीमाएं खोलने का आग्रह करती हूं।' जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इज़राइल में भारी बमबारी और युद्ध की स्थिति का डर है, तो उन्होंने कहा कि, “अगर मेरी किस्मत में वहां मरना लिखा है, तो मैं निश्चित रूप से मरूंगी। और इसका मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता। मैं वहां लोगों के पास जाऊंगी और हर संभव तरीके से उनकी मदद करूंगी। हमने भारत में एक आंदोलन शुरू किया है। मैं वहां जाने के लिए फंड जुटा रही हूं।' उन्होंने दावा किया कि, भारत में अल्पसंख्यक समुदाय गाजा और फिलिस्तीन के लिए धन जुटा रहे हैं।
भारतीय मुस्लिम महिला अमीना शेख ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपने संदेश में कहा कि, ''उस लड़ाई के बारे में मत सोचिए, जिसे आप जीत नहीं सकते। मैं उन (नेतन्याहू) जैसे शैतानों से कहना चाहूंगी कि उन्हें ऐसी लड़ाई के बारे में कभी नहीं सोचना चाहिए जिसे वे कभी नहीं जीत सकते। इससे आपकी बदनामी ही होगी।'
बता दें कि, इजराइल और हमास के बीच संघर्ष 20 दिन पहले 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के भीषण हमलों के बाद शुरू हुआ था, जिसमे इजराइल के लगभग 1400 लोग मारे गए थे। जिसके बाद पलटवार करते हुए इजराइल गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों के साथ-साथ लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर लगातार बमबारी कर रहा है, जिसके कारण हमास, इस्लामिक जिहाद और हिजबुल्लाह की कई सुविधाएं नष्ट हो गईं हैं। इसके अलावा, इज़राइल ने इन संगठनों के सैकड़ों आतंकवादियों को खत्म करने की सूचना दी है।
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