नई दिल्ली: Cryptocurrency की बढ़ती लोकप्रियता के बीच भारत सरकार इसे कानूनी अमलीजामा पहनाने की तैयारियों में जुटी हुई है. पिछले हफ्ते खुद पीएम मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकर कर क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा की थी. बताया जा रहा है कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा तो नहीं देगी, लेकिन इसे बॉन्ड, गोल्ड और शेयर की तरह असेट क्लास में रखा जा सकता है. जानकारी के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए इस शीतकालीन सत्र में बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय और कानून मंत्रालय ने इसको लेकर रोडमैप बना लिया है. सरकार जो कानून लाने वाली है, उसमें क्रिप्टो ट्रेडिंग की मान्यता होगी, किन्तु वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल पेमेंट और ट्रांजैक्शन के तौर पर नहीं किया जा सकता है.
सूत्र ने बताया कि क्रिप्टो कानून को लेकर डिटेलिंग पर कार्य चल रहा है, जो अगले 2-3 हफ्ते में पूरा कर लिया जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी को SEBI रेग्युलेट कर सकता है, हालांकि इस संबंध में अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. कौन सी संस्था इसे रेग्युलेट करेगी, फिलहाल इस पर मंथन जारी है. बताया जा रहा है कि क्रिप्टो कानून में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाली कमाई पर टैक्स संबंधी नियमन के संबंध में भी जानकारी होगी. इसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता के मद्देनज़र सरकार के अधिकतर प्रतिनिधियों ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन नहीं लगाने की सलाह दी है.
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