नकली कीटनाशकों के उपयोग से त्रस्त किसानों को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने कीटनाशक प्रबंधन को लेकर नए सिरे विधेयक लाने का फैसला लिया है। इसके अलावा इसके तहत नकली या खराब गुणवत्ता के कीटनाशकों की बिक्री और उत्पादन गैरकानूनी हो सकता है । वही ऐसा करने वालों को अब पांच साल तक की जेल और अधिकतम पचास लाख तक का जुर्माना होगा।ऐसे में इस विधेयक को संसद के दो मार्च से शुरू हो रहे सत्र में पेश किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार पहले भी कीटनाशकों के प्रबंधन को लेकर एक विधेयक संसद में लाई थी, जो कुछ कारणों से पारित नहीं हो सका था। इसके बाद में उसे संसदीय समितियों के पास भेज दिया गया था। ऐसे में सरकार ने संसदीय समितियों के सुझावों को ध्यान रखते अब कीटनाशकों के प्रबंधन के लिए नए सिरे विधेयक लाने का फैसला लिया है। वही मौजूदा समय में कीटनाशकों के प्रबंधन को लेकर सरकार के पास कोई सख्त कानून नहीं है। वर्ष 1968 का एक कानून है भी, तो उससे नकली कीटनाशक बनाने वाली कंपनियां आसानी से बच निकलती हैं।
इसके अलावा जावडेकर ने बताया कि नए विधेयक के तहत कीटनाशकों के इस्तेमाल से यदि फसलों को नुकसान होता है, तो इसका मुआवजा भी कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों से वसूला जा सकता है । कंपनियों से इसके तहत एक राशि ली जाएगी, जिसका एक कोष तैयार किया जा सकता है । वही ऐसे मामलों के सामने आने पर किसानों को इसी कोष से पैसा दिया जा सकता है । इस नए विधेयक में कीटनाशकों को लेकर दिए जाने वाले विज्ञापनों को लेकर भी एक मानक तय किया जा सकता है , जिससे किसान भ्रमित न हों। सरकार का मानना है कि इस विधेयक के प्रभावी होने से जैविक कीटनाशकों के इस्तेमाल को बढावा मिलेगा।
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