देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून और पौड़ी जिले की वन भूमि पर बनीं अवैध मजारों एवं कब्रों को तोड़ा गया है। वन विभाग ने एक्शन लेने के पहले अवैध तौर पर बनी 15 मजारों एवं कब्रों को चिह्नित किया। इसके बाद में इन सभी को तोड़ा गया। प्रदेश सरकार के निर्देश मिलते ही इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
पौढ़ी में जिले फॉरेस्ट विभाग की जमीन पर बने मकबरे को भी हटाया गया है। यह वही पीर बाबा का मकबरा है, जिसके लिए पौड़ी MLA रामकुमार पोरी ने विधायक निधि से टीन शेड निर्माण के लिए दो लाख का राशि स्वीकृत की थी। लेकिन, MLA के इस फैसले का विश्व हिंदू परिषद ने जमकर विरोध किया था तथा मकबरे को हटाने की मांग की थी। साथ ही बोला था कि अगर मकबरा नहीं हटाया गया, तो परिषद बड़ा आंदोलन करेगी। वन विभाग की इस कार्रवाई पर देहरादून काजी ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि इस्लाम किसी को भी सार्वजनिक स्थान पर कब्र या फिर मजार बनाने की अनुमति नहीं देता है।
वहीं, इस मामले में उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि प्रदेश में किसी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उन स्थानों का डाटा एकत्र किया जा रहा है, जहां पर अवैध तरीके से कब्रें एवं मजारें बनाई गई हैं। एक-एक कर उन सभी स्थानों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दिनों सोशल मीडिय पर देहरादून का बताया जा रहा वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में मजार के सामने लोगों की भीड़ लगी हुई थी। वीडियो बनाने वाले लोग मजार पर उपस्थित व्यक्तियों से झगड़ रहे थे। सभी के बीच खूब जुबानी जंग हो रही है। वीडियो बनाने वालों का कहना है कि मजार बनाकर जमीन पर कब्जा किया गया है।
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