भोपाल। पेट्रोल व डीज़ल के दाम में अक्सर इजाफा होने को लेकर, जहां आम आदमी परेशान हो गया है वहीं सरकार भी चुनावी वर्ष में इस उत्पाद के दाम बढ़ने से सरकार को मुश्किल का अनुभव हो रहा है। ऐसे में सरकार ने पेट्रोलियम के दामों को नियंत्रित करने का एक तरीका अपना लिया है। जिसके तहत मध्यप्रदेश की राज्य सरकार ने तय किया है कि, वह जल्द ही इसे लेकर, सेस लाने वाली है। जानकारी सामने आई है कि, पेट्रोल व डीजल पर 50 पैसे सेस लगाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है।
इस तरह के निर्णय के बाद, अगले सप्ताह पेट्रोल व डीज़ल के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है। माना जा रहा है कि, सरकार अपने कम होते फंड को बढ़ाना चाहती है। दरअसल, यह चुनावी वर्ष है और सरकार चाहती है कि, इस चुनावी वर्ष में उसके पास पर्याप्त फंड एकत्रित हो जाए। ऐसे में सरकार सेस लागू कर अपने लिए, फंड जुटाने में लगी है। दूसरी ओर, इस विषय में सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि, ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के नाम पर सेस आरोपित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि, मध्यप्रदेश सरकार को पेट्रोल व डीजल पर वैट के कारण 8903 करोड़ रूपए का राजस्व घाटा हुआ था। यह राजस्व घाटा वित्तीय वर्ष 2017 का था। अब सरकार इसे पूरा करने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि, वाणिज्यिक कर विभाग ने अधिसूचित भोपाल,इंदौर,जबलपुर और ग्वालियर के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा था कि, इन शहरों में पेट्रोल पर दो रुपए और डीजल पर 50 पैसे सेस लगाया जाए। कैबिनेट में जब यह एजेंडा गया तो, मुख्यमंत्री ने कहा कि, चार शहरों में ज्यादा सेस लगाएंगे तो इससे नाराजगी बढ़ सकती है। इसलिए, पेट्रोल पर भी सेस 50 पैसे ही रखा जाए।
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