पटना: आज बिहार में नशा मुक्ति दिवस बनाया गया। इस के चलते प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने घोषणा की कि बिहार सरकार शराब का कारोबार छोड़ने वालों को 1 लाख रुपये जीविकोपार्जन के लिए देगी। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि ताड़ी बेचने वालों पर भी ये योजना लागू होगा यदि वो ताड़ी का धंधा छोड़ कर नीरा बनाने का धंधा करते हैं।
सीएम ने कहा कि बिहार में शराब के मामले में गिरफ्तारी तो हो रही है, मगर उनकी गिरफ्तारी हो रही है जो शराब पीते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उनकी गिरफ्तारी कम हो रही है जो शराब का धंधा करते हैं। नीतीश कुमार ने प्रश्न खड़े करते हुए कहा कि असली धंधेबाज कहां पकड़ा जाता है? वो तो बाहर नहीं निकलता है। निर्धन लोगों को बाहर भेजकर होम डिलीवरी कराता है। निर्धन गुरबा को पकड़ने की आवश्यकता नहीं है। जो निर्धन थोड़ा बहुत शराब या ताड़ी बेचते हैं उनके लिए हम ये योजना लाए हैं।
बता दे कि बिहार में 2016 से शराबबंदी है। तब से अबतक 4 लाख लोग इस कानून के तहत गिरफ्तार हो चुके हैं। इसी माह में शराबबंदी की समीक्षा करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने मद्य निषेध विभाग को कहा था कि वो शराब पीने वालों की जगह शराब का धंधा करने वालो को पकड़ें। आए दिन बिहार से शराब के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे खबरें बिहार सरकार की नीति पर प्रश्न खड़ी करती हैं। बिहार पुलिस इस मामले में एक्शन भी निरंतर लेती है तो निर्धन लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है। इसी से बचने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है। इसके साथ ही प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले में ट्वीट भी किया कि नशा मुक्ति दिवस के मौके पर हम सभी प्रकार के नशे से मुक्ति का संकल्प लें तथा समृद्ध, स्वस्थ एवं खुशहाल बिहार हेतु नशामुक्त समाज के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें।
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