नईदिल्ली। मुस्लिम धर्मावलंबियों में तीन तलाक के मामले बढ़ने के बाद अब तीन तलाक को समाप्त करने की मांग उठने लगी है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से विधेयक लाने पर चर्चा की जा रही है। इस मामले में मंगलवार को संकेत दिए गए हैं। जिसमें सरकार ने नए कानून का प्रारूप तैयार करने हेतु, मंत्रिमंडलीय समिति का गठन करने की बात कही है। माना जा रहा है कि, संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक के मसले पर बहस होगी। ऐसे में विपक्ष सरकार पर विभिन्न तरह के आरोप लगा सकती है।
इसके पहले विपक्ष आरोप लगा चुका है कि,सरकार संसद के शीतकालीन सत्र को टालने का प्रयास कर रही है। वह चुनावी कार्यक्रमों के कारण ऐसा कर रही है। गौरतलब है कि, गुजरात विधानसभा के और संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि, सरकार शीतकालीन सत्र को दिसंबर से आयोजित करेगी। इसके लिए विभिन्न तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।
शीतकालीन सत्र को टालने के विपक्ष के आरोपों को उन्होंने दरकिनार कर दिया है। सरकार के मंत्रियों का कहना है कि, शीतकालीन सत्र तय समय पर ही होगा। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि, कांग्रेस हमें संसदीय लोकतंत्र पर उपदेश न दे। आपातकाल में जिस कांग्रेस ने संसद में ताला डाला,वहीं हमें संसदीय लोकतंत्र पर उपदेश दे रही है।
गौरतलब है कि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार कहा था कि, मोदी सरकार गलतफहमी का शिकार है,यदि वह सोचती है कि, विधानसभा चुनाव से पहले लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाकर वह संवैधानिक उत्तरदायित्व से भाग सकती है। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने जानकारी दी और, कहा कि सरकार ऐसा कानून बनाएगी,जिससे मुस्लिम महिलाओं को तलाक ए बिद्दत की व्यवस्था से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
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