नई दिल्लीः कर्ज से दबी एयर इंडिया को सरकार निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है। सरकार इस संबंध में एक हफ्ते में फैसला ले सकती है। सरकार ने इससे पहले अपने पहले कार्यकाल में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्लान तैयार किया था, मगर तब किसी ने भी हिस्सेदारी को खरीदने के लिए रुचि नहीं दिखाई थी। नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि मंत्रियों के समूह की बैठक से पहले एक आंतरिक बैठक होगी। इसके बाद ही सरकार एयर इंडिया को बेचने की कवायद को शुरू करेगी। एयर इंडिया की वित्तीय हालत खस्ता हो चुकी है।
तेल कंपनियों ने छह हवाई अड्डों पर ईंधन की सप्लाई को रोक दिया है। रांची, मोहाली, पटना, विशाखापट्टनम, पुणे और कोच्चिन में कंपनी के हवाई जहाजों को ईंधन नहीं मिलेगा। एयर इंडिया पर तीन तेल कंपनियों का 4500 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है, जिसे हवाई कंपनी ने पिछले सात महीने से नहीं चुकाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया को 90 दिन का क्रेडिट पीरियड मिलता है।
एयर इंडिया ने 60 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी, जो कि समुद्र में बूंद के समान है। ईंधन की सप्लाई रोकने से पहले तीनों तेल कंपनियों ने एयर इंडिया को एक हफ्ते पहले पत्र लिखा था, लेकिन इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। तेल कंपनियों का तर्क है कि उनको सरकार से किसी भी तरह की वित्तीय मदद नहीं मिलती है, जबकि एयर इंडिया को सरकार से पूरी मदद मिलती है। इससे पहले तेल कंपनियां तेल के सप्लाय को रोक चुकी है।
एमएसएमई सेक्टर को बड़ी राहत, वित्त मंत्री ने किया यह ऐलान