देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ को सोमवार (9 जनवरी) को सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने रविवार (8 जनवरी) को जोशीमठ को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की है। केंद्र सरकार ने फ़ौरन लोगों को शिफ्ट करने का एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।
बता दें कि, जोशीमठ में 603 घरों में दरारें आ गईं हैं। अधिकतर लोग डर की वजह से घर के बाहर ही रह रहे हैं। किराएदार भी लैंड स्लाइड के डर से घर छोड़कर चले गए हैं। अभी तक 70 परिवारों को वहां से हटाया गया है। बाकियों को हटाने का कार्य जारी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे रिलीफ कैंप में चले जाएं। PMO के साथ बैठक के दौरान एक्सपर्ट ने जोशीमठ में बड़े खतरे की आशंका जताई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्लास्टिंग और शहर के नीचे सुरंग बनाने के कारण पहाड़ धंस रहे हैं। यदि इसे फ़ौरन नहीं रोका गया, तो शहर मलबे में बदल सकता है।
बता दें कि, इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन कर स्थिति की जानकारी ली थी। धामी ने बताया कि पीएम मोदी ने कई तरह के प्रश्न पूछे, जैसे कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, कितना नुकसान हुआ, लोगों के विस्थापन के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम मोदी ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
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