यूपी की योगी सरकार ने कोरोना वायरस से फैले संक्रमण (कोविड-19) को रोकने के लिए पीएम मोदी के ऐलान के बाद एक माह के लिए राज्य आपदा घोषित कर दिया गया है. मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. राज्य आपदा घोषित किये गए कोविड-19 और उससे उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए ने राज्य आपदा मोचक निधि से 272.5 करोड़ रुपये जारी किये हैं.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के प्रकोप से व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित होने के कारण दिहाड़ी मजदूरों को भरण-पोषण सहायता उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न जिलों को 235 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं. इस धनराशि का इस्तेमाल जिलाधिकारियों द्वारा पात्र परिवारों को निशुल्क खाद्य सामग्री बांटने और पात्र व्यक्तियों को हर महीने 1000 रुपये वितरण के लिए किया जाएगा.
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इस मामले को लेकर राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर अति आवश्यक चिकित्सीय सामग्री और उपकरण आदि खरीदने के लिए सभी जिलों को 17.25 करोड़ रुपये आवंटित कर दिये गए हैं ताकि जिला स्तर पर आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुचारु रूप से सुनिश्चित की जा सके.प्रदेश के छह जिलों-मेरठ, आगरा, कानपुर, झांसी, प्रयागराज और गोरखपुर में स्थापित मेडिकल कॉलेजों में से प्रत्येक को दो करोड़ रुपये दिये गए हैं. वहीं 12 जिलों-अंबेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, कन्नौज, जालौन, बांदा, बदायूं, अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फीरोजाबाद व शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेजों में से प्रत्येक को 50 लाख रुपये और लखनऊ को दो करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं. यह धनराशि मेडिकल कॉलेजों में आवश्यक चिकित्सा सामग्री व उपकरणों आदि खरीदने और क्वारंटाइन वार्ड की स्थापना के लिए दी गई है.
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