मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान को लेकर निरंतर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शिवाजी महाराज को आदर्श मानने वाले लोग राज्यपाल कोश्यारी का खूब विरोध कर रहे हैं। विरोध के चलते लोग 'राज्यपाल हटाओ, महाराष्ट्र बचाओ' जैसे नारे भी लगा रहे हैं। इस बीच राज्यपाल कोश्यारी ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है।
चिट्ठी में भगत सिंह कोश्यारी ने लिखा, 'मैं देश के महापुरुषों का अपमान करने की बात सपने में भी नहीं सोच सकता। आज के कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति का उदाहरण देना महान नेताओं का अपमान नहीं हो सकता। मैं मुगल युग के चलते साहस एवं बलिदान के प्रतीक महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंहजी एवं छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महापुरुषों का अपमान करने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकता।'
अपनी चिट्ठी में कोश्यारी ने आगे लिखा है कि यदि उनसे अनजाने में भी कभी कोई गलती हुई है तो वह खेद जताने या तुरंत माफी मांगने में कभी नहीं हिचकिचाएंगे। बता दें कि इस मुद्दे पर कोश्यारी के अतिरिक्त महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों का घेराव भी किया जा रहा है। हाल ही में शिंदे सरकार में सम्मिलित भाजपा नेता कैबिनेट मंत्री अतुल सावे के घर के बाहर लोगों ने ढोल बजाकर आंदोलन किया था। प्रदर्शनकारियों ने बोला था कि शिंदे सरकार में सम्मिलित मंत्रियों को महापुरुषों के अपमान की आवाज सुनाई नहीं दे रही है, इसलिए ढोल बजाया जा रहा है। दरअसल, राज्यपाल कोश्यारी औरंगाबाद में स्थित डॉ। बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के दीक्षांत कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे। यहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी एवं NCP सुप्रीमो शरद पवार को डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया। इसके चलते कोश्यारी ने शिवाजी महाराज को पुराने युग का आदर्श बताया था एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और शरद पवार को नए युग का आदर्श बताया था।
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