भोपाल। मध्यप्रदेश में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। 28 नवंबर को होने वाले चुनावों को लेकर जोर अजमाइश जारी है। बीजेपी इस बार फिर से चुनावों में जीत हासिल कर चौथी बार प्रदेश की सत्ता संभालने की तैयारी में जुटी हुई है, तो कांग्रेस अपने 15 साल के वनवास को खत्म करने की कोशिश में लगी हुई है। इसके साथ ही बसपा, सपा, आम आदमी पार्टी सहित कई क्षेत्रीय दल भी इन चुनावों में अपनी किस्मत अजमा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में कुछ ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जो कांग्रेस और बीजेपी के गढ़ कहे जाते हैं। कुछ सीटों पर कई सालों से कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया हुआ है, तो कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी की सत्ता है। ऐसी ही एक सीट है राजधानी भोपाल की गोविंदपुरा सीट। इस सीट पर पिछले 464 सालों से कांग्रेस को जीत नहीं मिली है।
बाबूलाल गौर का है कब्जा
भोपाल में कुल 7 विधानसभा सीटे हैं। वर्तमान में इनमें से 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन गोविंदपुरा सीट ऐसी है, जिस पर बीजेपी ने पिछले 38 सालों से अपना परचम लहराया है। इस सीट पर 1980 से लगातार बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर जीत दर्ज कर रहे हैं। इस विधानसभा सीट को बीजेपी से ज्यादा बाबूलाल गौर का गढ़ कहा जाता है। गौर यहां से लगातार 8 बार चुनाव जीते हैं, जो कि एक रिकॉर्ड है। वह सबसे पहले 19804 में यहां से खड़े हुए थे।
क्या हैं जातीय समीकरण
गोविंदपुरा ऐसी विधानसभा सीट हैं, जहां पर 50 फीसदी मतदाता पिछड़ा वर्ग से हैं। बाबूलाल गौर इस सीट पर बीजेपी का ओबीसी और यादव चेहरा हैं और इन 50 फीसदी मतदाताओं पर उनका पक्ष हावी है। यही कारण है कि पिछले 38 साल में बीजेपी ने यहां से अपना उम्मीदवार नहीं बदला है और गौर भी लगातार यहां से जीतते आए हैं।
क्या कहता है पिछले चुनावों में जीत का आंकड़ा
2013 के चुनाव में यहां से बीजेपी उम्मीदवार बाबूलाल गौर ने कांग्रेस उम्मीदवार गोविंद गोयल को 70,644 मतों से करारी शिकस्त दी थी। बाबूलाल गौर को 1,16,586 वोट मिले थे, जबकि गोविंद गोयल को 45,942 वोट मिले थे। 2008 में बाबूलाल गौर ने यहां से कांग्रेस प्रत्याशी विभा पटेल को 33754 मतों से परास्त किया था।
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