हम सभी गाड़ियों का इस्तेमाल करते है पर क्या अपने सोचा है इनके स्क्रैप का क्या होता है आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है सरकार की इससे सम्बंधित नयी पालिसी के बारे में। देश में पुरानी गाड़ियों को ठिकाने लगाने के लिए सरकार ने व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर के नियमों पर काम तेज कर दिया है। जल्द ही सरकार वॉलंटरी स्क्रैपेज पॉलिसी का ऐलान भी करेगी। आपको बता दें कि पुरानी गाड़ियों की स्क्रैपिंग सेंटर के लिए सरकार सख्त नियम बनाना चाहती है। इसकी वजह से स्क्रैपिंग सेक्टर को संगठित क्षेत्र के दायरे में लाने में मदद मिलेगी।
वही नए एंटरप्रेंयूर्स को ये बात ध्यान में रखनी होगी जैसे कि देश में जो कंपनियां स्क्रैपिंग सेंटर लगाना चाहती हैं, उन्हें इन दिशा निर्देशों के नियमों का पालन करना होगा। इसमें पर्यावरण नियमों को पूरा करने की शर्त भी शामिल होगी। ज्यादातर असंगठित क्षेत्र की इकाइयां गाड़ियों की स्क्रैपिंग का काम करती हैं और उनसे ज्यादा प्रदूषण फैलता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिशानिर्देशों से पक्का किया जाएगा कि स्क्रैपिंग के लिए जो गाड़ियां आयेंगी वो ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के व्हीकल डेटाबेस से जुड़ी हों। इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन भी स्क्रैपिंग सेंटर पर कैंसल किया जाएगा। इसके लिए लोगों को RTO के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये सेंटर गाड़ी मालिकों को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट भी जारी करेंगे।
माना जा रहा है कि वॉलंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी से ऑटो सेक्टर को मौजूदा मंदी से बाहर निकलने में काफी मदद मिलेगी। क्योंकि 20 सालों में सबसे ज्यादा सुस्ती इस समय है। इस पॉलिसी के आने से नई गाड़ियों की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
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