सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगभग छह महीने से लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है।इसके साथ ही ये कदम प्याज किसानों के हितों की रक्षा को देखते हुए उठाया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रबी फसल में प्याज की बम्पर पैदावार होने से इसकी कीमतें गिर सकती हैं। वहीं खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को एक ट्वीट के जरिये कहा, 'देश में प्याज की बम्पर फसल और बाजार में प्याज की स्थिर कीमतों को देखते हुए सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया है। बीते साल मार्च महीने में 28.4 लाख टन के मुकाबले, इस साल मार्च में प्याज की पैदावार लगभग 40 लाख टन होने का अनुमान है।'
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में इस पर निर्णय किया गया। इसके साथ ही प्रतिबंध को हटाने का निर्णय विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने के बाद प्रभावी होगा। सूत्रों के अनुसार , बुधवार को मंत्रिसमूह ने निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) कम करने या समाप्त करने के बारे में भी विचार किया। एमईपी दर के नीचे किसी वस्तु के निर्यात की अनुमति नहीं होती है।
बैठक में पासवान, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मंत्रिमंडलीय सचिव राजीव गौबा उपस्थित थे।उल्लेखनीय है कि सितंबर 2019 में सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और प्रति टन प्याज पर 850 डॉलर का एमईपी भी लगा दिया था। इसके अलावा तब मांग और आपूर्ति में अंतर होने की वजह से प्याज की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई थीं। इसके साथ ही महाराष्ट्र सहित प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बहुत ज्यादा बारिश और बाढ़ के कारण प्याज की कमी थी। वहीं मौजूदा समय में प्याज मंडियों में थोड़ी मात्रा में आने शुरू हो गए हैं, मार्च के मध्य से इसके बढ़ जाने की संभावना है।
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