वैसे तो हम सभी आमतौर आप अपनी चीजों में फेर बदल करते रहते है, पर क्या आप ये जानते है कि यदि अब आपने अपनी गाड़ी के कुछ पार्ट्स के साथ छेड़छाड़ की, तो यह आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है. वही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में एक नई धारा जारी की है. जिसके तहत गाड़ी के कुछ पुर्जों के साथ छेड़छाड़ करना भारी पड़ सकता है.
5,000 रुपये जुर्माना और 6 महीने कि कैद: मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गाड़ियों के कुछ कलपुर्जों जैसे स्पीड गवर्नर, जीपीएस एवं सीएनजी से छेड़छाड़ रोकने के लिए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में एक नई धारा 182 जारी की है. इसके तहत इन पार्ट्स या कंपोनेंट्स के साथ छेड़छाड़ करने पर कंपनी और ग्राहक दोनों पर 5000 रुपये का जुर्माना और 6 महीनों की कैद सजा दी जाएगी.
सीएनजी किट में छेड़छाड़ पड़ सकती है भारी: ऐसा भी कहा जा रहा है कि जीपीएस को मानकों के अनुरूप न पाये जाने पर कंपनी और ग्राहक दोनों को कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा. वहीं कुछ लोग गाड़ी में सीएनजी किट इंस्टॉल कराने के बाद उसके कुछ पार्ट्स जैसे फिलिंग वॉल में बदलाव करते है. जिसके लिए सरकार नई धारा 182 को लेकर दिसंबर में सरकारी अधिसूचना जारी हो गई है. वही धारा 182 में प्राइवेट और कमर्शियल दोनों प्रकार के वाहनों पर शिकंजा कसा गया है. जंहा अधिसूचना जारी होने के साथ यह कानून की शक्ल ले लेगा और उल्लंघन करने पर जुर्माना और सजा दोनों का अधिनियम है.
तेज रफ्तार गाड़ी दौड़ाने पर जुर्माना: सूत्रों का कहना है कि धारा 182 के तहत कमर्शियल वाहनों जैसे ट्रक, बस, टैंकर आदि की स्पीड हाईवे पर 80 किमी प्रति घंटा और नगर में यह 40 से 60 किमी प्रति घंटा से ज्यादा नहीं होगी. वहीं इनमें लगे स्पीड गवर्नर में छेड़छाड़ या फुल स्पीड से गाड़ी दौड़ाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना और छह माह की सजा जारी कर दी है.
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