भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (3 जुलाई) को खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के रूप में शामिल करने के निर्णय को "ऐतिहासिक" बताया, जो व्यापारियों को प्राथमिकता वाले क्षेत्र को ऋण देने के लाभों की अनुमति देगा और कहा कि उनकी सरकार है समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ट्विटर पर एक संदेश में प्रधान मंत्री ने कहा ''हमारी सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसान वित्त, विभिन्न अन्य लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। हम अपने व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस कदम का छोटे खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा, जिनके कारोबार में 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार होगा, जो ''आत्मानबीर'' के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं के तहत तत्काल वित्त का लाभ उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय का इस क्षेत्र पर संरचनात्मक प्रभाव पड़ेगा, जो इसे संरचित करने के इच्छुक व्यवसायों के लिए बेहतर वित्त विकल्प देकर औपचारिक रूप देने में मदद करेगा, इससे खुदरा एमएसएमई को वह समर्थन मिलेगा जिसकी उन्हें 'जीवित रहने, पुनर्जीवित करने और पनपने' की आवश्यकता है। खुदरा और व्यापार संघों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह व्यापारियों को कोविड-19 महामारी के कारण अत्यधिक आवश्यक पूंजी तक पहुंच प्राप्त करने में सक्षम करेगा।
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