नई दिल्ली: देश में तेल की बढ़ती कीमत को काबू में रखने के लिए सरकार की तरफ से एक और कदम उठाया गया है। जी हाँ और केंद्र सरकार की तरफ से बीते कल यानी गुरुवार को डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया। इसी के साथ ही विमान ईंधन (ATF) पर 2 रुपये प्रति लीटर का टैक्स फिर से लगाया गया है, हालांकि सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स में कमी की है। वहीं सरकार ने अप्रत्याशित लाभ कर की तीसरे पखवाड़े की समीक्षा में डीजल के निर्यात पर टैक्स 5 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इसी के साथ एटीएफ पर एक बार फिर से 2 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगाया गया है।
बीते महीने सरकार ने एटीएफ निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर (लेवी) खत्म कर दिया था। इसके अलावा, घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स को 17,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 13,000 रुपये प्रति टन कर दिया है। इसी के साथ सरकार की तरफ से यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि कच्चे तेल के शोधन से होने वाले लाभ में वृद्धि हुई थी। हालाँकि पिछले छह महीने के दौरान तेल की इंटरनेशनल कीमत में गिरावट के कारण घरेलू रूप से उत्पादित तेल के टैक्स में कमी आई थी।
वहीं दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत गिरकर छह महीने के निचले स्तर पर चल रही हैं। इसी के साथ शुक्रवार सुबह दामों में हल्की तेजी देखी गई और डब्ल्यूटीआई क्रूड के रेट 90.74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर देखे गए। इसके अलावा ब्रेंट क्रूड का भाव 96.77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के रेट नीचे आ सकते हैं।
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