भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सरकार ने आने वाले 3 महीनों तक के लिए अति आवश्यक सेवाएं (एस्मा) घोषित कर दिया है। जी हाँ, ऐसा होने से अब से कोई भी डॉक्टर नर्स या फिर पैरामेडिकल स्टॉफ डयूटी करने से, मरीजों को इलाज करने से मना नहीं कर पाएगा। जी दरअसल सरकार ने बीते बुधवार देर शाम राजपत्र में इसका नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में लिखा है कि स्वास्थ्य सेवाओं को 3 महीने के लिए अति आवश्यक घोषित किया गया है।
यह नियम प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर लागू होगा। खबरों के अनुसार एस्मा के लागू होने के बाद अब से सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में कोई भी डॉक्टर या नर्स मरीज का इलाज करने से मना नहीं कर सकता है। खुद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ। राजेश राजौरा का कहना है कि, 'कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को 3 माह के लिये अत्यावश्यक सेवाओं के रूप में अधिसूचित किया गया है।' विभाग के द्वारा जारी राजपत्र में अधिसूचना के अनुसार मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम-1979 की धारा-4 की उप धारा-1 में दी गई शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए एक निर्देश दिया है।
इस निर्देश के तहत राज्य सरकार ने समस्त शासकीय, निजी स्वास्थ्य और चिकित्सीय संस्थानों में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं, डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता कार्यकर्ता, मेडिकल उपकरणों की बिक्री संधारण और परिवहन, दवाइयों की बिक्री, परिवहन-विनिर्माण, एम्बुलेंस सेवाएं, पानी-बिजली की आपूर्ति, सुरक्षा संबंधी सेवाओं, खाद्य-पेयजल प्रावधान के साथ उसका प्रबंधन और बॉयो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन को अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है। कहा गया है कि इन सभी स्वास्थ्य संबंधी कार्यों को करने से अगले 3 महीनों तक कोई मना नहीं कर सकेगा।
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