उज्जैन/मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में मंद गति से बहने वाली शिप्रा नदी यूं तो कभी भी विकराल रूप धारण नहीं करती। बारिश के मौसम में भी शिप्रा नदी उफान पर आती है। इसे ईश्वरीय कृपा कहा जाए या कुछ और मगर बारिश के मौसम में यह नदी लबालब भर जाती है। अमूमन हर बरस शिप्रा मैया बारिश में कलकल बहते हुए अपने तटबंध बना लेती है लेकिन शिप्रा मैया का ऐसा रौद्र रूप बीते करीब 20 वर्षों में भी देखने को नहीं मिला। जिस तरह से शिप्रा में बाढ़ आई और बाढ़ का पानी शहर के काफी अंदर तक घुस आया। लोग कमर तक जमा पानी में रोजमर्रा की जद्दोजहद करते रहे वहीं इसके तटों के समीप मौजूद मंदिर और भवन जलमग्न हो गए।
यहां से करीब 5000 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया लेकिन शिप्रा मां के इस उफनते स्वरूप को शांत करने के लिए जिला प्रशासन को भी इसके स्वरूप के आगे झुकना पड़ा। लगातार हो रही बारिश के बाद बाढ़ के हालत बनने पर कलेक्टर कवींद्र कियावत और एसपी मनोहरसिंह वर्मा ने रामघाट से समीप मां शिप्रा की आराधना की। इस दौरान कलेक्टर ने कलश में भरे जल से माता का अभिषेक किया और उनसे शांत होने की प्रार्थना की।
मिली जानकारी के अनुसार लगातार हो रही बारिश से शिप्रा नदी का जल रामघाट समेत विभिन्न घाटों के समीप मौजूद मंदिरों के शिखरों तक पहुंच गया। यही नहीं गोपाल मंदिर रामानुजकोट गणगौर दरवाजा समेत कई क्षेत्रों में पानी जमा हो गया। नदी से सटे निचले क्षेत्रों को एहतियातन खाली करवा लिया गया। भारी बारिश के चलते कच्चे मकानों को खाली करवा लिया गया है। हालांकि मौसम विभाग द्वारा भोपाल इंदौर उज्जैन विदिशा सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में अभी भी अलर्ट जारी किया गया है। कहा जा रहा है कि इन शहरों में तेज़ बारिश की संभावना है।