संसद से पास होने के बाद नागरिकता कानून का काफी विरोध देखने को मिला है. बता दे कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) 2020 को अपडेट करने के दौरान किसी से भी कोई दस्तावेज नहीं लिया जाएगा. राज्यसभा में बुधवार को एक लिखित सवाल का उत्तर देते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अभी तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजन (एनआरआइसी) तैयार करने का कोई फैसला नहीं लिया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एक अप्रैल से 30 सितंबर तक जनगणना के आवास-सूचीबद्ध करने के चरण के साथ एनपीआर डाटा एकत्र किया जाएगा. पंजाब, केरल, बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे कुछ गैर भाजपा शासित राज्यों ने एनपीआर को लेकर आशंका जताई है और इसकी प्रक्रिया को लेकर आलोचना कर रहे हैं. एनपीआर अपडेट करने का लक्ष्य देश के हर सामान्य निवासी का समग्र पहचान डाटाबेस तैयार करना है.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि जनगणना 2011 का आवास-सूचीबद्ध चरण के लिए अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर हाल ही में शुरू हुए हंगामे के बीच जारी की गई है. एनपीआर के लिए डाटा जनगणना 2011 के आवास-सूचीबद्ध चरण के साथ 2010 में एकत्र किया गया था. 2015 में घर-घर सर्वे के जरिये इस डाटा को अपडेट किया गया था. 2015 में अपडेट करते समय सरकार ने आधार और मोबाइल नंबर जैसे विवरण के लिए कहा था. इस बार ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आइडी कार्ड से संबंधित सूचनाएं भी एकत्र की जाएगी.
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