नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि केंद्र सरकार देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को बदलने की दिशा में काम कर रही है और इस क्षेत्र में अपनी ताकत, आत्मनिर्भरता बढ़ा रही है। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज या एक संस्थान हो जो स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा प्रदान करता हो। पीएम मोदी ने उक्त बयान राजस्थान के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा जिलों में चार मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "इस महामारी ने दुनिया भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ सिखाया है। हर देश इस संकट से अपने तरीके से निपटने में लगा हुआ है। भारत ने इस दौरान अपनी ताकत, आत्मनिर्भरता बढ़ाने का संकल्प लिया है। राजस्थान के चार मेडिकल कॉलेजों और सिपेट-जयपुर पर काम की शुरुआत इस संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम है।" उन्होंने आगे कहा कि "2014 के बाद से, केंद्र सरकार ने राजस्थान के लिए 23 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है। इसमें से सात मेडिकल कॉलेज पहले से ही काम कर रहे हैं और हम आज उनमें से चार की नींव रख रहे हैं।"
प्रधान मंत्री ने याद किया कि गुजरात में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करना उनके लिए एक चुनौती के रूप में आया जब वे 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कहा, "चिकित्सा शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे से लेकर चिकित्सा सुविधाओं तक, हमने स्थिति को बदलने की कोशिश की। हमारे देश की स्वास्थ्य प्रणाली कई स्तरों पर विभाजित थी। राज्यों के बीच स्वास्थ्य प्रणालियों में कनेक्टिविटी और सामूहिक दृष्टिकोण की कमी थी। प्राथमिक स्वास्थ्य और बड़े अस्पतालों के बीच एक बड़ा अंतर था। इन बाधाओं को दूर करना सबसे महत्वपूर्ण था। चिकित्सा प्रणाली को बदलने के लिए, हमने पूरे देश के लिए एक नई चिकित्सा प्रणाली पर काम किया। स्वच्छ भारत, आयुष्मान भारत और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी पहल सभी उसी दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।"
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