नई दिल्ली: हाल ही में, श्रीलंका ने अपने पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रामायण से जुड़ी स्थलों को प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया है। एक विज्ञापन के माध्यम से उन्होंने पर्यटकों को यह संदेश दिया है कि श्रीलंका में कई महत्वपूर्ण रामायण स्थलों की यात्रा की जा सकती है, जैसे रावण की गुफा, उसका महल, अशोक वाटिका आदि। इस विज्ञापन में एक दादी अपने पोते को रामायण से जुड़े इन स्थानों के बारे में बताती हैं और इस तरह से श्रीलंका ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को एक नए तरीके से प्रस्तुत किया है।
Sri Lankan Airlines @flysrilankan uses Hindu epic Ramayana to pitch the country as a tourism destination; lists key Ramayana Trail sites in Sri Lanka like Ravana cave, Sita Eliya etc pic.twitter.com/3xGxfF0bTW
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 10, 2024
विज्ञापन में यह भी बताया गया है कि कैसे हनुमान जी ने लंका दहन किया था, राम जी वानरों की सेना के साथ लंका पहुंचे थे, और रावण को हराने के बाद उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की थी। श्रीलंका ने यह पहल पूरी तरह से क्रिएटिव तरीके से की है, जिससे न केवल रामायण के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को दर्शाया गया है, बल्कि यह भी बताया गया है कि इन स्थानों की यात्रा करने से पर्यटक श्रीलंका की संस्कृति और इतिहास को नजदीक से समझ सकते हैं।
यह कदम कुछ लोगों को बहुत आकर्षक लग रहा है और वे श्रीलंका जाकर इन स्थलों की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन यह सोचने वाली बात है कि एक हिन्दू बहुल देश भारत में, जहाँ अक्सर बहुसंख्यक समुदाय की आस्थाओं का मजाक उड़ाना ट्रेंड सा बन गया है और उसे 'बुद्धिजीवी' होने की निशानी समझा जाता है, वहीं एक छोटा सा देश जैसे श्रीलंका न केवल रामायण से जुड़ी आस्थाओं का सम्मान करता है, बल्कि उसे अपने आर्थिक लाभ के लिए भी इस्तेमाल कर रहा है।
भारत में, जहाँ हिन्दू आस्थाओं और रामायण के अस्तित्व को लेकर कई बार बहसें हुई हैं, और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या राम वास्तव में हुए थे या नहीं, श्रीलंका ने बिना किसी विवाद के रामायण को अपने देश की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में स्वीकार किया है और उसे प्रचारित किया है। इस तरह से, श्रीलंका न केवल अपनी संस्कृति का सम्मान कर रहा है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हुए कैसे आर्थिक और पर्यटन से जुड़े लाभ उठाए जा सकते हैं।
भारत में रामायण और हिन्दू धर्म से जुड़ी आस्थाओं को लेकर लगातार विवादों और विरोध का सामना करना पड़ता है, जबकि श्रीलंका ने बिना किसी विवाद के उन आस्थाओं को अपने देश की पहचान और आर्थिक समृद्धि का हिस्सा बना लिया है। यह स्थिति देश के भीतर धार्मिक आस्थाओं के प्रति सम्मान और समझ के अंतर को दर्शाती है।
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