अस्थमा की बीमारी में सांस की नली में तनाव हो जाता है . इस कारण वायु फेफड़ों से निकलने या उसमें प्रवेश के समय कष्ट होता है . उसमें श्लेष्मा पैदा हो जाने से श्वास लेने में और अधिक कठिनाई होती है .यहाँ हम आपको बता रहे है की कैसे घरेलु उपचारो के द्वारा अस्थमा की बीमारी में आराम पाया जा सकता है. तो
आइये जानते है अस्थमा के घरेलु उपचार -
1-दमा, जुकाम, खांसी और ब्रोंकाइटिस के रोगी को सन्तरे के रस में थोड़ा नमक और शहद मिलाकर देने से लाभ होता है बलगम आसानी से निकलने लगता है .
2-दमा बच्चों को भी हो जाता है . तुलसी के कुछ पते अच्छी तरह धोकर पेस्ट-सा बना लें . इसे शहद में मिलाकर चटाने से बच्चों को बहुत लाभ होता है . रोगी बच्चे को दही, उड़द की दाल, गोभी, तेल-मिर्चों के खाद्य तथा अधिक मसालों का सेवन न कराए.
3-अंगूर दमे के रोगी के लिए बहुत लाभदायक हैं . अंगूर और अंगूर का रस दोनों का प्रयोग कर सकते हैं . कुछ चिकित्सकों का तो यहां तक कहना है कि दमे के रोगी को अंगूरों के बाग में रखा जाए तो शीघ्र लाभ होता है .
4-चौलाई के पत्तों का ताजा रस निकालकर शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से पुराने दमे में भी लाभ होता है . दमे के कारण कमजोर रोगियों के लिए चौलाई के साग का रस अमृत के समान है . चौलाई का किसी भी रूप में प्रयोग करते रहने से आदमी असमय बूढ़ा नहीं होता .